sidh kunjika - An Overview
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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
That is prayer of the Kunjika which can be The rationale for awakening. Oh here Parvathi, continue to keep this guarded and held solution from those who are not devotees.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः